Thursday, 29 September 2011

मित्र कौन है--Who is a friend.

मित्रता बड़ा अनमोल रतन कब इसे तौल सकता है धन-- रामधारी सिंह दिनकर की यह पंक्तियाँ सहज ही स्मरण हो उठती हैं, जब जब यह प्रश्न उठता है. इसी सन्दर्भ में निम्नलिखित पंक्तियाँ सारगर्भित प्रतीत होती हैं.

परदेस में ‌विद्या मित्र है, विपत्ति में धैर्य मित्र है,  घर में पत्नी मित्र है, रोगी के लिए चिकित्सक मित्र है, आचरण करने पे ज्ञान मित्र है, शत्रु के सामने शस्त्र मित्र है, शस्त्र का मित्र साहस है, मरते हुए प्राणी का मित्र धर्म है जो जरूरत परने पर काम आये वो भी मित्र है, लेकिन जो व्यक्ति स्वार्थी, नीच मनोवृति वाला कटुभाषी और धूर्त होता है उसका कोई मित्र नहीं होता, न वह खुद किसी का मित्र होता है.

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